नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी के जखोल गांव स्थित ऐतिहासिक सोमेश्वर महादेव मंदिर को हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद रात्रि में तोड़े जाने पर राज्य सरकार व ए. एस.आई. को जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं । मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी ।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जी.नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में शुक्रवार को मंदिर कमेटी की ओर से दायर रामलाल विश्वकर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई हुई । याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि 13 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया था कि ग्राम जखोल स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर की यथास्थिति को बनाए रखा जाए तथा जब तक मंदिर के ऐतिहासिक व पौराणिक तथ्यों की जांच पूर्ण नहीं हो जाती, तब तक हंस फाउंडेशन, मंदिर में किसी भी प्रकार का पुनर्निर्माण/परिवर्तन कार्य नहीं करेगा।

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उक्त आदेश के बावजूद, 14 अप्रैल 2025 की रात्रि में सोमेश्वर महादेव मंदिर को बड़ी संख्या में अज्ञात ग्रामीणों द्वारा पूरी तरह से तोड़ दिया गया, जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस ने 15 मई 2025 को थाना मोरी, जनपद उत्तरकाशी में पंजीकृत की गई है। कोर्ट के आदेश के बावजूद की गई यह घटना कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है और धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध है ।

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जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार व ए एस आई, से जबाव मांगा है ।

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