नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के विश्व विद्यालयों के कुलसचिवों के स्थान्तरण आदेश पर लगाई गई रोक को स्थगित करते हुए सचिव उच्च शिक्षा से तीन हफ्ते के भीतर नया स्थान्तरण आदेश जारी करने को कहा है । हाईकोर्ट ने माना है कि इन स्थान्तरणों में नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है । मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई ।
  उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 29 जून 2024 को प्रदेश के विश्व विद्यालयों के कुलसचिवों के स्थान्तरण किये थे । इस स्थान्तरण को पूर्व में देहरादून विश्व विद्यालय से कुमाऊं विश्व विद्यालय स्थान्तरित मंगल सिंह मंद्रवाल ने  हाईकोर्ट में चुनौती दी थी । हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को उनके स्थान्तरण पर फिलहाल रोक लगाई थी । इधर अब श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय श्रीनगर से देहरादून स्थान्तरित खेमराज भट्ट ने इस स्थान्तरण आदेश को चुनौती दी थी तथा इस आदेश को स्थान्तरण नीति के खिलाफ बताया । जबकि उच्च शिक्षा विभाग ने इन स्थान्तरणों को नियमानुसार बताया तथा कहा कि राज्य के विश्व विद्यालय जिला मुख्यालयों में हैं और उन्हें सुगम दुर्गम श्रेणी में नहीं रखा जा सकता ।
  इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि इस स्थान्तरण आदेश में नियमों का कोई गंभीर उल्लंघन नहीं हुआ है इस कारण स्थानांतरण आदेश में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। स्थानांतरण के आदेश में हस्तक्षेप केवल वैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में आवश्यक है या जहां न्यायालय को पता चलता है कि स्थानांतरण दुर्भावना से संक्रमित है। चूँकि PWSB/366/2024 मंगल सिंह मंद्रवाल में पारित अंतरिम आदेश के कारण स्थानांतरण की पूरी श्रृंखला प्रभावित हुई है । इसलिये
इन रिट याचिकाओं में सचिव, उच्च शिक्षा को इस मुद्दे पर फिर से विचार करने और  तीन सप्ताह के भीतर नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया है।
 तीन सप्ताह की अवधि के लिए, डब्ल्यूपीएसबी/366/2024 में याचिकाकर्ता के संबंध में पारित स्थानांतरण आदेश को स्थगित रखा जाएगा।

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