नैनीताल । पायलट बाबा की सम्पत्ति खुर्द बुर्द करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल के निर्देश पर तल्लीताल पुलिस ने जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है ।
पुलिस की प्रोग्रेस रिपोर्ट में “एम.पी.बी. नर्सिंग कॉलेज गेठिया” नैनीताल के चेयरमैन मनोज कुमार को मुख्य अभियुक्त के तौर पर आरोपी बनाया गया है । इसके अतिरिक्त अमर अनिल सिंह, चंद्रकला पांडे, चेतना, मुकेश कुमार सिंह, जे.बी. शेरावत, अजय कुमार सिंह, जयप्रकाश के विरुद्ध विवेचना प्रचलित है । रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त लोगों द्वारा एक राय होकर महायोगी पायलट बाबा कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल एंड रिसर्च कॉलेज ग्राम गेठिया जनपद नैनीताल में खोलना, जिसकी मान्यता हेतु महायोग फाउंडेशन संस्था के दस्तावेजों को कोर्ट रचित कर फर्जी तरीके से कागजात तैयार करना, कूट रचित दस्तावेज लगाकर बैंकों में खाता खुलवाने, पायलट बाबा जी की फर्जी वसीयत बनाकर महायोग फाउंडेशन की तथा बाबा की निजी चल अचल संपत्ति को हड़पने के मकसद से कूट रचित दस्तावेज तैयार करना, ग्राम गठिया के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर बाबा जी की संपत्ति को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर हड़पने का प्रयास करना तथा अमर अनिल सिंह द्वारा खुद को महायोग फाउंडेशन का स्वयंभू अध्यक्ष फर्जी तरीके से घोषित करना आदि तथ्य शामिल हैं ।
इसी संबंध में विवेचना की कार्यवाही का विवरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल में दाखिल किया गया है जिसमें अगली सुनवाई 19 मई सोमवार को नीयत है।
पायलट बाबा के इलाज के दौरान के कुछ मेडिकल प्रपत्र प्रकाश में आए हैं जो कि यूके नर्सिंग होम दिल्ली तथा दूसरा शारदा मेडिकल यूनिवर्सिटी नोएडा उत्तर प्रदेश के हैं । मेडिकल रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पायलट बाबा के इलाज में लापरवाही दर्शाते हुए षड्यंत्र के तहत डॉक्टर की सलाह को नहीं माना गया जिस कारण पायलट बाबा की मृत्यु हो गई।
आपको बताते चलें कि महायोगी पायलट बाबा के शिष्य मंगल गिरी महाराज के अनुसार उनके द्वारा दिनांक 28 जनवरी 2025 को थाना तल्लीताल में मुकदमा अपराध संख्या 6/2025 मनोज कुमार व अन्य के विरुद्ध दर्ज कराया गया था जिसमें विवेचना प्रचलित है । परंतु इतना समय भी जाने के बाद भी पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण पायलट बाबा के शिष्यों तथा साधु संतों में काफी रोष व्याप्त है। जिस कॉलेज की मान्यता फर्जी आधार पर ली गई है बावजूद मुकदमा होने के लगातार लोगों को गुमराह करते हुए उसे कॉलेज में एडमिशन कराए जा रहे हैं।