नैनीताल । राजकीय इंटर कॉलेज धानाचूली में शौचालय सुविधाओं के अभाव के संबंध में सरपंच, वन पंचायत, धानाचूली हंसा लोधियाल के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने इसकी जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने याचिका का विस्तृत रूप देते हुए सरकार से पूछा है कि प्रदेश में ऐसे कितने स्कूल हैं,जिनमें शौचालय व पीने की पानी की सुविधा नहीं है। स्कूलों की देखरेख के लिए कितना बजट दिया जाता है ? स्कूलों में अभिभावक संघ का गठन हुआ है या नही? इस पर दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराएं। इस सम्बंध में कोर्ट ने शिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा सचिव से भी जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है। कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि यह काफी गम्भीर समस्या है। स्कूलों में पानी व शौचालयों की सुविधा नही होना बच्चो के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
हंसा लोधियाल के अनुसार राजकीय इंटर कॉलेज, धानाचुली कक्षा 6 से 12 तक है । जिसमें लगभग 450 छात्र अध्ययन कर रहे हैं । क्षेत्र का यह एकमात्र विद्यालय है ।
इस कॉलेज में कुल बारह शौचालय हैं। जिनमें 6 में ताला लगा हुआ है। जाँच करने के उपरांत प्रधानाचार्य ने बताया कि ये शौचालय नियमित सफाई के लिए कर्मचारियों के अभाव के कारण बंद रहते हैं। यह चिंताजनक स्थिति छात्र व छात्राओं के लिए है। शौचालय न होने से छात्राएं स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। कई बार इसकी शिकायत की गई परन्तु सुविधाओं में सुधार नही हुआ।