नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्मिक सुजाता को सेवनिवृत्ति के एक दिन पूर्व संयुक्त निदेशक पद पर आज 29 अप्रैल को पदोन्नति मिली है । सुजाता 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रही हैं ।
सुजाता ने पिछले वर्ष हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह 34 वर्षों से विभाग में सेवारत है और संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति की सभी अर्हताएं रखती हैं । महिला एवं बाल विकास विभाग में यह पद रिक्त भी है । हाईकोर्ट ने सितम्बर 2024 में याचिकाकर्ता को पदोन्नति देने के आदेश विभाग के सचिव को दिए थे । लेकिन 6 माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ । जिस पर सुजाता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की । 16 अप्रैल को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने विभाग के सचिव चंद्रेश यादव को नोटिस जारी कर उनसे पूछा था कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाय और सुजाता के 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने से पूर्व उन्हें पदोन्नति देने को कहा ।
इस मामले में मंगलवार को विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सुजाता को संयुक्त निदेशक पद पर पदोन्नति दे दी गई है ।