नैनीताल ।उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने राजकीय विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्याय मूर्ति विवेक भारती शर्मा की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता व राज्य सरकार से कल 24 अक्टूबर को लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट व सर्वोच्च न्यायलय का निर्णय प्रस्तुत करने को कहा है। मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को शासनादेश जारी कर कहा था कि शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ होने से पहले सभी विश्वविद्यालयों में 30 सितंबर 2024 तक छात्र संघ के चुनाव सम्पन्न हो जाने चाहिए। लेकिन विश्वविद्यालयों ने इसका अनुपालन नहीं किया। अब चुनाव कराए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जो शासनादेश के विरुद्ध है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने जो 23 अप्रैल 2024 को शासनादेश जारी किया गया उसका पालन राज्य सरकार करवाए। विश्वविद्यालय न तो शासनादेश का अनुपालन कर रहे हैं न ही लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट का। जबकि छात्रों के प्रवेश होने के बाद एक माह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए थे। ताकि उनकी पढ़ाई पर कोई व्यवधान न हो।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी समाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचार पत्रों में 25 अक्टूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं किए और न ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए। जो कि लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है। इससे छात्रों की पढाई में असर पड़ रहा है।