नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में चल रहे डग्गामार वाहनों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने कुमाऊं के सभी जिलाधिकारियों, एस एस पी व अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल 2024 की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी के बद्रीपुरा निवासी विजय सिंह बिष्ट ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्रों में चलने वाले अधिकतर टैक्सी वाहनों के ऊपर बिना परमिट के लगेज को लादने के लिए केरियर लगा हुआ है। जो कम्पनी के द्वारा मानकों के अनुरूप नहीं है। उसके बाद भी वाहन स्वामी अपने वाहन के ऊपर लगेज कैरियर लगा रहे हैं जो मोटर व्हक़ील एक्ट के विरुद्ध है। इस सम्बन्ध में सन 2002 में तत्कालीन परिहवन सचिव ने यूनियन के साथ बैठक के कई दिशा निर्देश जारी किये थे । जिसमें परमिट की वैधता, ड्राइवर सीट के पास बेरियर ,वाहन के छत पर गाड़ी की क्षमता के अनुसार केरियर न लगाना, सह चालक को गाड़ी चलाने की अनुमति न देना, समय समय पर वाहन की वैधता व लाइसेंस वैधता बनाये रखना मुख्य था । उसके बाद भी पहाड़ में वाहनों से हादसों का मुख्य कारण वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी, छत पर कैरियर लगाना, बिना परमिट ले चलाना, सहायक को गाड़ी देना है। जिसकी वजह से आये दिन की दुर्घटनाओं से गरीब लोगों के परिवार उजड़ रहे हैं ।
हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को गम्भीरता से लिया है ।