नैनीताल । उत्तराखंड हाइकोर्ट ने कोरोना के समय प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ दायर अलग अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद सरकार को 30 मार्च तक अस्पतालों में व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए एक किये जा रहे कार्यों पर विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च की तिथि नियत की है।
मंगलवार को जिला मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा कि हॉस्पिटलों में डाक्टर, स्टाफ, वेंटीलेटर, एक्सरे मशीन, पानी और शौचालय सहित कई अन्य सुविधाओं का अभाव है। इन कमियों को दूर करने के लिए कोर्ट ने सरकार से 30 मार्च तक एक डिटेल शपथपत्र पेश करने को कहा है। आज मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल व अन्य आठ ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी।