नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकार्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को प्रदेश भर के बार एसोसिएशनों की नैनीताल में गोष्ठी आयोजित हुई । जिसमें अधिवक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिये एकजुट होकर संघर्ष करने के लिये उत्तराखण्ड अधिवक्ता महासंघ के गठन किया गया । जिसमें सर्वसम्मति से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत को महासंघ का अध्यक्ष घोषित किया गया । जबकि हल्द्वानी बार के विनीत परिहार को कुमाऊं क्षेत्र व रुड़की बार के चौधरी अनिल कुमार को गढ़वाल क्षेत्र का महासचिव बनाया गया । इसके अलावा राज्य भर की बार एसोसिएशन के 25 पदाधिकारियों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है ।
शनिवार को राज्य अतिथि गृह के सभागार में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत की अध्यक्षता व हल्द्वानी बार के सचिव विनीत परिहार के संचालन में प्रदेश भर के बार संघों की आम गोष्ठी हुई । जिसका शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ ।
दिन भर चली गोष्ठी में अधिवक्ताओं ने हापुड़ में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ मारपीट करने सहित विभिन्न अन्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने के लिये प्रदेश स्तरीय महासंघ बनाने का निर्णय लिया । जिसके बाद आम सहमति से महासंघ के गठन किया गया । जिसमें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत को महासंघ का अध्यक्ष मनोनीत किया गया । जबकि हल्द्वानी बार के विनीत परिहार व रुड़की बार के चौधरी अनिल कुमार को महासचिव बनाया गया ।
इसके अलावा 25 सदस्यीय कार्यकारिणी में श्रीनगर के प्रमेन्द्र जोशी,ऋषिकेश के नरेश कुमार शर्मा,अल्मोड़ा के शेखर लखचौड़ा, कोटद्वार के अजय पन्त,पछुवा दून के संजय कुमार गुप्ता,बाजपुर के नीरज जौहरी,सितारगंज के दयानन्द सिंह,टिहरी गढ़वाल के जयप्रकाश पांडे,भगवानपुर के हरपाल सिंह आर्य,थराली के वीरेंद्र रावत,देहरादून के भानु प्रताप सिंह सिसौदिया,डोईवाला के मनोहर सिंह सैनी,रुद्रपुर के एम पी तिवारी,नैनीताल के मनीष मोहन जोशी,रुद्रपुर के सुशीला मेहता,पिथौरागढ़ के मोहन भट्ट,खटीमा के सूरज प्रकाश राणा,उत्तरकाशी के सुमन नौटियाल, बागेश्वर के विनोद भट्ट,लक्सर के राजेश कुमार सैनी,उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के सौरभ अधिकारी,विकास कुमार गुगलानी को शामिल किया गया । जबकि ऋषिकेश के सुनील नवानी को सोशियल मीडिया कॉर्डिनेटर बनाया गया ।
हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिंह रावत ने कहा कि महासंघ का उद्देश्य राज्य की सभी बार एसोसिएशन को एकजुट कर अधिवक्ताओं की समस्याओं का हल निकालना है । उन्होंने कहा अधिवक्ताओं की सुरक्षा और सहूलियत को प्राथमिकता देने के साथ उनकी समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा ताकि कोई भी अधिवक्ता अपने को निर्बल और दबा कुचला न समझे।
इस गोष्ठी में प्रदेश की 30 बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भागीदारी की । ग़ोष्ठी में अधिवक्ता उत्पीड़न की घटनाओं की निंदा करते हुए जूनियर अधिवक्ताओं को प्रतिमाह 5 हजार स्टाइफण्ड देने की मांग की गई ।