नैनीताल । नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नैनीताल प्रवास के दौरान शहर की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर ज्ञापन दिया है ।
ज्ञापन में कहा है कि नैनीताल पालिका एक ऐतिहासिक निकाय है । नैनीताल नगर का अधिकतर क्षेत्र पूर्णतः पर्वतीय वनाच्छादित होने के साथ-साथ नगर में उच्च न्यायालय, राजभवन, मण्डल मुख्यालय, जिला मुख्यालय, प्रशासनिक अकादमी, विश्वविद्यालय / विद्यालय एवं अन्य महत्वपूर्ण शासकीय प्रतिष्ठान विद्यमान हैं । इसके अतिरिक्त नैनीताल नगर एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के कारण नगर में वर्ष भर विभिन्न प्रांतों से लाखों की संख्या में पयर्टकों का आवागमन बना रहता है। चूंकि नगर पालिका का कार्य आवश्यक सेवाओं के अन्तर्गत विद्यमान है। साथ ही नगर पालिका परिषद, नैनीताल जिला मुख्यालय की निकाय होने से शासन के निर्देशानुसार नोडल एजेंसी के रुप में कार्य कर रही है । जिससे कि पालिका पर अतिरिक्त प्रभार है। उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा निकाय अन्तर्गत विभिन्न व्यवस्थाओं का स्वतः संज्ञान लिया जा रहा है। वर्तमान में पर्यटन सीजन प्रारम्भ चुका है । जिस दौरान नैनीताल नगर में पर्यटकों की अत्यधिक वृद्धि (5 से 10 लाख) होने की प्रबल सम्भावना बनी रहती है ।
ज्ञापन में कहा है कि वर्तमान में नगर पालिका परिषद, नैनीताल के पास कूड़ा निस्तारण हेतु वाहनों की नितान्त आवश्यकता है। नगर पालिका के पास नगर का कूड़ा एकत्र कर हल्द्वानी स्थित ट्रंचिंग ग्राण्ड में भेजने हेतु स्थान उपलब्ध नहीं है । पालिका द्वारा अस्थाई रुप से मल्लीताल मैट्रोपोल स्थित भूमि का प्रयोग इस कार्य हेतु किया जा रहा है। इसलिये पालिका को स्थाई रुप से इस कार्य हेतु नगर से बाहर वन पंचयात की भूमि प्रदान की जाय ।
पथ प्रकाश व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की जाती है, जिस क्रम में विद्युत विभाग द्वारा उक्त प्रकाश व्यवस्था के बिलों के भुगातन हेतु 3.50 करोड़ के देयक प्रस्तुत किये गये हैं, जिसका भुगतान शासन से किये जाने की मांग की गई है ।
वर्तमान मे नगर पालिका परिषद, नैनीताल की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण पालिका को शासन स्तर से धनराशि की नितान्त आवश्यकता है। ताकि पालिका द्वारा कार्मिकों के लम्बित भुगतान पेंशन / गेज्युटी आदि का ससमय भुगतान किया जा सके।
आउसोर्स/संविदा/ दैनिक कर्मचारी जोकि विगत 15 वर्षों से लगातार पालिकाहिति में कार्य कर रहे हैं, जिन्हें शासन की नियमावली मे सम्मिलित कर विनियमितिकरण का लाभ दिया जाने का भी आग्रह किया गया है ।
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